तोता और चने की दाल - प्रेरक कहानी इन हिंदी|Inspirational Short Story In Hindi with Moral 2023.

 🌻तोता और चने की दाल - प्रेरक कहानी🌻


एक बार एक तोता शहर घूमने जा रहा था। उसे एक जगह खूटे पर एक चना मिला। उसे देखकर तोता तुरन्त चना फोड़ने लगा। चने की एक दाल खूटे में घुस गई। दूसरी को तोता खा गया। फँसी हुई दाल को निकलवाने के लिए तोता बढ़ई के पास पहुँचा और बोला, “आप छूटा चीरकर दाल निकाल दीजिए।”

बढ़ई बोला,“क्या मैं तुम्हारा चाकर हूँ कि दाल निकालूं।”

तोता राजा के पास गया और राजा से बोला,“आप बढ़ई को मारें।”

राजा बोला, “मैं कोई तुम्हारा “चाकर हूँ कि बढ़ई को मारूँ।”

 तोता रानी के पास गया और बोला,“रानी तुम राजा को छोड़ दो तो राजा बढ़ई से दाल निकालने के लिए कहे।”

रानी बोली,“तू भाग यहाँ से।”

फिर तोता साँप के पास पहुँचा और बोला,“तुम रानी को डसो।”

साँप बोला,“भाग यहाँ से।”

तोता वहाँ से भागा और लाठी से बोला,“तुम साँप को मारो, फिर वह रानी को डसे, रानी राजा को छोड़ दे तो राजा बढ़ई को मारे तो बढई दाल निकाले।

तब लाठी बोली,“जा, भाग यहाँ से।”

तब तोता आग के पास गया और उससे बोला,“लाठी को जलाओ।” आग ने भी उसको भगा दिया। 

तब तोता पानी के पास गया और बोला,“तुम आग को बुझाओ।” पानी ने भी तोते को भगा दिया। 

फिर तोता हाथी के पास गया और बोला,“पानी को सोख लो।”

हाथी ने कहा, “मुझसे नहीं होगा” और उसे भगा दिया। 

तोता तब चींटी के पास गया

और बोला,“चलो हाथी को चाबो।” चींटी चली हाथी को चाबने। 

तब हाथी बोला,“चींटी बहन तुम मुझे मत चाबो, मैं पानी सोखने जाता हूँ।”

 तब पानी बोला,“हाथी भैया तुम मुझे मत सोखो, मैं आग बुझाने जाता हूँ।”

 तब आग बोली,“पानी तुम मुझे मत बुझाओ, मैं लाठी जलाने जाती हूँ।” 

लाठी बोली,“आग तुम मुझे न जलाओ, मैं साँप मारने जाती हूँ।”

 साँप बोला,“तुम मुझे मत मारो, मैं रानी को डसने जाता हूँ।”

 रानी बोली,“तुम मुझे न डसो, मैं राजा को छोड़ देती हूँ” 

राजा बोला,“रानी तुम मुझ को मत छोड़ो, मैं बढई को कहने जाता हूँ।”

राजा ने बढ़ई से कहा,“जाओ खूटे को चीरकर दाल निकाल दो।” 

बढ़ई ने खूटा चीरा और दाल निकाल दी। तोता दाल खाकर शहर चला गया। 
तोता और चने की दाल


नैतिक शिक्षा :-


इस कहानी से हमें दो महत्वपूर्ण सीख मिलती है। जो हमें जीवन में बहुत काम आ सकती है।

 हमने देखा की जब तोते ने बढ़ई से पहले दाल निकल ने को कहा तब बढ़ई ने उसे बहुत बुरी तरह से भगा दिया। पर तोते ने उस बढ़ई से अपनी दाल को कुछ भी करके निकलवाया। इसलिए हमें उस तोते की तरह हार नहीं माननी चाहिए। 

जब तोता सब के पास गया पर किसने मदद नहीं की पर एक छोटी सी चींटी ने उसकी मदद की। और उस छोटी सी चींटी की वजह से ही वह तोता दाल को निकलवाने में सफल हुआ। इसलिए कभी-कभी कोई छोटी सी चीज़ भी आपको सफल बनाने के लिए काफी होती है।

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